ऐसे
में जब कांग्रेस के संकटमोचक प्रणब दा राष्ट्रपति बन गए हैं तो सरकार की
मुसीबत और बढ़ती नज़र आ रही है...क्यों कि आज जहां भीड़ के बढ़ने से अण्णा
टीम और अण्णा समर्थकों का हौसला बढ़ा है वहीं कांग्रेस के सलमान खुर्शीद और
दिग्विजय की ऊबड़-खाबड़ बयानबाज़ी से खुद़ कांग्रेस पर ही दाग़ लगता नज़र आ
रहा है...इसका उदाहरण यूपी विधान सभा चुनाव 2012 से लिया जा सकता
है...जहां...ज़्यादा नुकसान कांग्रेस को राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं
के गंवारू बयानों से ही उठाना पड़ा था...
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